बाबू जगदेव प्रसाद के विचार

‘चपरासी हो या राष्ट्रपति की संतान। सबकी शिक्षा एक समान।’

बाबू जगदेव प्रसाद


मिटे गरीबी और अमीरी, मिटे चाकरी और मजबूरी।
समता बिना समाज नहीं, बिन समाज जनराज नहीं।

 बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा जी
 (2 फ़रवरी, 1922 – 5 सितम्बर, 1974)

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