हरिशंकर परसाई के विचारों का संग्रह
1. जब शर्म की बात गर्व की बात बन जाए, तब समझो कि जनतंत्र बढ़िया चल रहा है।
हरिशंकर परसाई
2. जाति है, कि जाती नहीं।
हरिशंकर परसाई
3. हरामखोरों के सबसे बड़े रक्षक भगवान हैं।
हरिशंकर परसाई
4. तानाशाह एक डरपोक आदमी होता है। अगर पांच गधे भी साथ-साथ घास खा रहे हों तो तानाशाह को डर पैदा होता है कि गधे भी मेरे खिलाफ़ साजिश कर रहे हैं।
- हरिशंकर परसाई
5. चाहे कोई दार्शनिक बने साधु बने या मौलाना बने, अगर वो लोगों को अंधेरे का डर दिखाता है, तो ज़रूर वो अपनी कंपनी का टॉर्च बेचना चाहता है।
हरिशंकर परसाई
6. धर्म, धंधे से जुड़ जाए ,
इसी को "योग" कहते हैं ।
~ हरिशंकर परसाई
8. आपके पवित्रतावाद ने हिंदी को बहुत कमजोर बना दिया है।
~ हरिशंकर परसाई
#विश्व_हिंदी_दिवस
9. तारीफ़ करके आदमी से कोई भी बेवकूफ़ी कराई जा सकती है।
- हरिशंकर परसाई
हरिशंकर परसाई