तर्कशील विचारों का संग्रह

 तर्कशील विचारों का संग्रह 


1. जो बच्चे अछूत का दाग लेके पैदा होते हैं उस दाग को धुलने के लिए हिन्दू समाज ने कोई निरमा नहीं बनाया। द्विज जो इनके स्पर्श से अपवित्र हो जाते हैं वे स्नान अथवा गौ मूत्र या गंगा जल छिडक लें तो पुनः शुद्ध हो सकते हैं। लेकिन इस दुनिया में अछूतों के लिए न तो गंगाजल पावन है न गौ मूत्र। अछूत, अछूत ही रहेगा

सिद्धार्थ पटेल


2. विज्ञान ने बताया
मनुष्य एक प्रजाति है,
किन्तु समाज ने बताया
मनुष्य अलग-अलग जाति हैं।

कृष्णा कोहरे


3. "ग़रीबों" को ये कहकर भी बेवकूफ बनाया जाता है कि, अमीरों के पास धन दौलत तो होती है मगर सुकून नहीं होता।

अज्ञात


4. विद्या एक ऐसा धन है, जितना बांटिये उतना बढ़ता जाता है।

अज्ञात




6. मुझे ईश्वर से डर नहीं लगता 
डर लगता है तो ईश्वर को मानने वाले से 
क्योंकि वो धर्म और आस्था के नाम पर एक दिन इंसानियत को निगल जायेंगे।

सुनील तंवर 


7. अंधविश्वासों, रुढ़ियों, कुप्रथाओं का तर्कपूर्ण विरोध करनेवालों की हत्याएं और उनके खि़लाफ़ षड्यंत्र इसी तथ्य की पुष्टि करते हैं कि हत्यारों और षड्यंत्रकारियों का भी ईश्वर में कोई विश्वास नहीं है।

संजय ग्रोवर

8. मंदिर, मस्जिद कितने ही भव्य हो, वहां जाओ या ना जाओ ! लेकिन पुस्तकालय जिसमें टूटी कुर्सियां, टूटी अलमारी हो, वहां जरूर जाना !!

ब्ल्यू हार्ट


9. इसी कारण तुम्हें वो
इल्म से महरूम रखते हैं, 
अँगूठा टेक रह जाओ तो
घुटने टेक ही दोगे..

'बाग़ी' विकास


10. अशिक्षा गरीबी की सरहद तय करती है और किताबें तय करतीं हैं गरीबी मिटाने के उन्नत रास्ते।

 सत्यव्रत रजक



11. ताकत जीतने से नहीं आती। आपके संघर्ष आपको ताकतवर बनाते हैं।

अर्नाल्ड श्वाज़नेगर


12. नन्हीं नन्हीं बच्चियों को चार किताबें पढने दो कोख से बच आई हैं दहेज से भी बच जायेगी।

अज्ञात


13. उस चौथी जाति की मोनालिसाओं के अंग-अंग को छूना चाहते हैं, वही जो उनका छुआ नहीं छूते। 

~ पवनेश यादव

14. जब तक जातिवाद को समाज के लिए एक अभिशाप न माना गया, तब तक यह इस समाज के लिए एक घाव में मवाद की तरह रहेगा ।

अज्ञातवासी

15. किसी भी स्त्री के 
प्रेम संबंधों को जानकर 
उसके चरित्र का आकलन करना
पुरुष की सबसे बड़ी मूर्खता है।

कृष्णा कोहरे


16. मन का मैल है ये जाति, धर्म  
इसे धोकर केवल इंसानियत 
का धर्म अपना लो ।

रविंद्र मुंडेतिया


17. "अगर सिर्फ प्रश्न करने से आपकी धार्मिक भावनाएं आहत हो जाती है, तो माफ कीजिएगा, आपका धर्म बहुत ही कमज़ोर है"
अज्ञात


18. मनुष्य से घृणा करके। कौन लोग कुरान, वेद, बाइबिल, गुरू ग्रंथ चूम रहे हैं बेतहाशा? किताबें और ग्रन्थ छीन लो जबरन उनसे, मनुष्य को मार कर ग्रन्थ पूज रहा हैं ढोंगियों का दल ! सुनो मूर्खो, मनुष्य ही लाया है ग्रंथ, ग्रंथ नहीं लाया किसी मनुष्य को।

नज़रुल इस्लाम


19. धर्म
वैध पागलपन है।

- आर्थर जानोव


20. जहां धर्म है वहां सत्य के लिए जगह नहीं है और जहां सत्य है वहां धर्म की जरूरत नहीं है ।

सृष्टि अम्बेडकर


21. जो भी सीखना बंद कर देता है, वह बूढ़ा हो जाता है, चाहे वह 20 साल का हो या 80 साल का।

हेनरी फोर्ड


22. पढ़ना आपके दिमाग को बदल देता है, ओर यह बदलाव आपके जीवन को बदल देता है!

 जय शेट्टी


23. न्यूटन ने भी माना था कि सेव के  जमीन पर गिरने के पीछे किसी अदृश्य शक्ति का हाथ है, उसने इसे सिद्ध किया और नाम रखा गुरुत्वाकर्षण।

अज्ञात


24. तन की हवस मन को गुनहगार बना देती है, बाग के बाग़ को बीमार बना देती है।
भूखे पेटों को देशभक्ति सिखाने वालो, भूख इन्सान को ग़द्दार बना देती है 

गोपालदास "नीरज"


25. पवित्र किताबों ने दुनिया में सर्वाधिक रक्त बहाया है
मैं मनुष्य के दुखों की एक अपवित्र किताब लिखना चाहता हूॅं।

कृष्ण कल्पित


26. जिस दिन मिटेगी छुआछूत मेरे हिन्दुस्तान से। 
उस दिन होगा सबसे प्यारा हिन्दुस्तान हमारा। 
"ना होगा अत्याचार दलितों पर" 
ना होगा धर्म परिवर्तन मेरे हिन्दुस्तान में।

सुरेन्द्र बामने


27. स्वतंत्रता हवा की तरह है। आपको इसकी कीमत का एहसास तब होता है जब यह गायब होने लगता है।

 पिएरो कैलामांड्रेई


28. जाति अलग थी, पापा नहीं माने, अब दामाद पीटता है फिर भी सुकून है कि बिटिया अपनी ही जाति वाले से पिट रही है।

अभिषेक राय

29. जीवन में तुम्हें वही मिलता है, जिसे माँगने का तुममें साहस हो।

ओपरा विनफ्रे

30. वह आदमी सबसे ख़राब है जो हमें आपस में, एक दूसरे के प्रति घृणा करना सिखाए।

मानव कौल

31. अन्धभक्त जीरो वॉट का वो बल्ब है जिसे शौचालय में तो लगाया जा सकता है ।

लेकिन पढ़ाई वाले कमरे में नही।

अज्ञात



32. जादू-टोना, देवी-देवता और भक्ति में शक्ति यदि वास्तविक होता तो पूरी दुनिया भारत की गुलाम होती।

अज्ञात

33. अगर तुम चाहते हो कि तुम्हारे घर-परिवार में शांति बनी रहे तो, अपने घर में ज्योतिषी और तांत्रिक को कभी मत घुसने देना।

तरुण सागर


34. मनुष्य की बुद्धि और तर्कशक्ति को कुंद कर देना ही धार्मिक कर्मकाण्डों का मुख्य मकसद होता है।

— बालेन्दु गोस्वामी


35. पैसा, वर्ण, इज़्ज़त, नौकरी और जाति को देखकर विवाह करने वाला समाज फिर किस मुँह से कह यह देता है कि जोडियाँ ईश्वर ने बनाईं हैं।

~ सत्यव्रत रजक

36. बिका हुआ पत्रकार डरा, हुआ विपक्ष और मुर्दा आवाम,
तीनों लोकतन्त्र के लिए घातक है..!! 

-ए.पी.जे. अब्दुल कलाम


37. अपने ज्ञान पर घमंड करना, सबसे बड़ा अज्ञान है।

- जैरेमी टेलर


38. मूर्ख और डरपोक आदमी का सत्य भी गूंगा होता है l

— कपिल मेश्राम

39. धर्म कहने को तो कल्याणकारी है, पर व्यवहार में शोषक, अंधविश्वास, पाखंड की ओर तथा इंसानियत और नैतिकता के विरुद्ध ले जाता है।

दिव्या


40. धार्मिक होना और अंधविश्वासी होना एक ही है, बिना अंधविश्वास आप धार्मिक हो नहीं सकते, धार्मिक होते हुए आप अंधविश्वास से दूर नहीं रह सकते।


41. कभी हार मत मानो, इसके लिए बस जगह और समय का इंतजार करो, समय एक बार फिर बदलेगा।

हैरियट बीचर स्टो

42. किसी के विकास को रोकना हो तो उसे नफरत करना सिखा दो।

अवध ओझा


43. जिस #देश में #भारत में #कन्या, #गाय और #नदियां पूजी जाती हैं
उसी देश में ये तीनों सबसे बुरे #हालात में हैं।

#पूजा के नाम पर #ढोंग बंद करो


44. आस्तिक कहते हैं कि आप कैसे हमारे भगवान को नकार सकते हैं?

मै कहता हूं ठीक उसी तरह, जिस तरह आप दूसरे धर्मों के भगवानों को नकार देते हैं।


45. संसार को दान की नहीं न्याय की ज़रूरत है।

 मैरी वोलस्टोनक्राफ्ट


46. ग़रीबी से मर गए सब ग़रीब, अख़बार में ख़ुशख़बरी छपी, ग़रीबी कम हुई है।

~ मिलीतृष्णा


47. धर्म में पागल लोगों को..
अपने धर्म की कुरीतियां 
और बेवकूफियां भी बड़ी
साइंटिफिक बात लगती हैं।


48. बेजुबान जानवरों को बड़ी बेरहमी से मारना अगर धर्म है तो फिर अधर्म क्या है?

अज्ञात


49. समाज में नीच से नीच समझे जाने वाली जाति भी अपने से नीची एक और जाति ढूढ़ लेती है।

~ हजारी प्रसाद द्विवेदी 


50. भौंकता हुआ कुत्ता सोए हुए शेर से ज़्यादा उपयोगी होता है।

वाशिंगटन डरविंग

51. मानसिक गुलामी एक कुआं है जिसके अंदर यह भीड़ गिरती जा रही है, परंतु आप भीड़ को मत देखो कि वो कहां जा रही है।
भविष्य आपका है इसलिए आप खुद तय करें।

भीम गर्ल्स


52. भेड़िया, भेड़ियों के खिलाफ़ 
दर्ज़ शिकायतें ख़ारिज करता है
शांति के लिए इसे ज़रूरी बताता है
और इस तरह कंक्रीट के जंगल में  
भेड़ियों का एकक्षत्र राज कायम रखता है. 

जसिंता केरकेट्टा


53. मरने वाले के लिए, मगर एक चीज जो नष्ट नहीं हुई,
वह है उसकी जाति शमशान के बाहर लिखा है - यह सवर्णों का शमशान है।

मनीष


 54. तरह इंसान को गुलाम बनाने के लिए जो रस्सी है उसे "धर्म" कहते हैं जिसमें रस्सी डाली जाएगी उस छेद को "आस्था" कहते हैं और जिस चाबुक से हांका जाएगा उसे "ईश्वर" कहते हैं।

अज्ञात


55. चीन में तो भूत छोडिये, वहां भगवान को भी विश्वास करने वाले लोगों की संख्या कम है। स्वीडन, स्कॉटलैंड, नॉर्वे आदि जैसे देशों में तो  नास्तिकों की संख्या बहुत बढ़ रही है। लेकिन वहां शिक्षा, स्वस्थ्य, सम्पन्नता आदि भारत से बहुत अधिक। इसलिए इन भूत, डायन आदि अंधविश्वास के चक्कर से निकलो और अपने दिमाग का इस्तेमाल करो।

 – शेषनाथ वर्णवाल


56. सभी महान उपलब्धिया समय मांगती है! 

माया एंजेलो
57. किसी भी देश का शासक अगर अपनी जनता से ज्यादा अपने वस्त्रों पर ध्यान दे तो समझ लीजिए कि उस देश की बागडोर एक बेहद कमजोर, सनकी और डरे हुए इंसान के हाथ में है।

माइकल नास्त्रेदमस

58. आप परिवर्तन का दर्द सह सकते हैं, या आप जैसे हैं वैसे ही रह सकते हैं।


जायस मेयर
59. यदि आपका धर्म आपसे दंगे करवाता है भेदभाव,नफरत, पाखंड करवाता है, 
तो आप धर्म नहीं किसी आपराधिक गैंग के सदस्य बन गए हैं!!


60. अगर आप जानते हैं कि आप सही हैं तो जो काम कर रहें हैं उसे करते जाइए। 

- मैरी क्यूरी
61. इस देश के लोग पीढ़ियों से सिर्फ जाति देखते आ रहे हैं, व्यक्तित्व देखने की उन्हें न आदत है, न परवाह है।

हजारीप्रसाद द्विवेदी

62. भावुकता और आक्रोश का जवाब केवल तर्क से दिया जा सकता है।

- असगर वजाहत
63. समाज को मुस्कुराती लड़कियां खूबसूरत लगती हैं और खिलखिला कर हंसती लड़कियां चरित्रहीन।

श्रीहर्ष मृदुल



64. उसके दिल से नफरत की बू आती है, जिसके दिमाग में मज़हब का कचरा हो 

अज्ञात


65. अगर आपको पक्षियों की आवाज पसंद है तो पिंजड़े मत बनाइए पेड़ लगाइए 
अज्ञात


66. इसी तरह इंसान को गुलाम बनाने के लिए जो रस्सी है उसे "धर्म" कहते हैं जिसमें रस्सी डाली जाएगी उस छेद को "आस्था" कहते हैं और जिस चाबुक से हांका जाएगा उसे "ईश्वर" कहते हैं।
67. दान पेटियों के ताले गवाह हैं 

धर्म-स्थान धंधा के अतिरिक्त कुछ नही..!


68. एक औरत का जाकरूक होने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि,
वो जागरूक औलादें पैदा करेगी धार्मिक अंधभक्त नहीं!!

अज्ञात



69. अगर अल्लाह/भगवान का डर आपको पाप करने से रोकता है तो आप डरपोक हैं चरित्रवान नहीं।
— अज्ञात


70. होलिका एक स्त्री थी
जिन्दा स्त्री को जलाना जिस धर्म में त्योहार हो, वो धर्म कभी सभ्य नहीं हो सकता।
होलिका दहन बंद करो 
नारी का सम्मान करो।


71. अन्धभक्त जीरो वॉट का वो बल्ब है जिसे शौचालय में तो लगाया जा सकता है ।

लेकिन पढ़ाई वाले कमरे में नही।

अज्ञात


72. लोग सोचते हैं कि ईश्वर जो करेगा अच्छा करेगा। यह सोच भक्त प्रवृति के लोगों को मानसिक गुलाम बना देता है। इसलिए वे अपना भविष्य बदलने के लिए आज को बदलने का प्रयास नहीं करते।



73. ब्राह्मणों ने किताबों में लिखा - ब्राह्मण महान और शेष सभी नीच, और इसे ईश्वर का आदेश कह दिया। इसी छल को समझना है।

अज्ञात


74. जिस जमाने में अमृत पाया जाता था उस जमाने का कोई आदमी आपको मिले तो मुझे भी मिलवा देना ना मिले तो यह सोचना कि अमृत आखिर होता इसलिए था?


75. क्या वह व्यक्ति नास्तिक नहीं है, जो भगवान की आड़ में लोगों का शोषण करता है?

अज्ञात

76. सब कुछ तमाशा है जब तक वो दूसरे के साथ हो रहा है।

विल रोजर्स

77. "धार्मिक कट्टरता" आपको बस जाहिल बनाती है,
फर्क नहीं पड़ता आप किस धर्म से हो।

— राम अभिलाष

78. यदि धर्म आपको मरने के बाद क्या होगा?
यह बात कह कर डरना सीखा रहा है, 
तो जान लीजिए कि वह धार्मिक व्यवस्था 
शोषक और अतार्किक है।

79. कभी-कभी लोग सत्य नहीं सुनना चाहते है क्योंकि वे अपने भ्रम को नष्ट नहीं करना चाहते हैं।

फ्रेडरिक नीत्शे

80. जातियाँ नीच नही होती, बल्कि जिस धर्म में जातियों को नीच माना जाता है, वह धर्म ही नीच होता है। 

— राहुल बैनाडे

81. अंधविश्वास कमजोर दिमाग वालों का धर्म है।

एडमंड बर्क


82. अगर मूर्खों के सिर पर सींग होते तो वो सांडों से भी ज़्यादा ख़तरनाक होते।

~ जैकी यादव

83. हमारे देश में हर व्यक्ति जातिवाद का पहला पाठ परिवार में सीखता है। परिवार जातिवाद की पहली पाठशाला है, माँ-बाप हैं इसके पहले टीचर।

दिलीप मंडल

84. वे तुम्हारा "पूरा नाम" पूछेंगे क्योंकि जाति पूछने से उनकी प्रगतिशीलता आहत होती है।

राहुल तोमर

85. गरीबी और अशिक्षा कुछ नहीं करने देती, इससे लोग मजबूरी में अंधविश्वासों का शिकार हो जाते हैं।


अमरकांत


86. जला हुआ जंगल छिपकर रोता रहा, उसी की लकड़ी थी उस माचिस की तीली में।

- अज्ञात


87. विज्ञान ने आज आपको चांद और मंगल पर पहुंचा दिया। धर्म आपको आज भी ग्रह नक्षत्र के नाम पर जाहिल और डरपोक बना कर रखता है।  

88. भारत में जोड़ियां भी 
ईश्वर एक ही जाति में 
बनाता रहा है लेकिन 
ये नामुराद 
#LoveMarriage करने वालों ने 
सब सत्यानाश कर दिया है।


89. अगर दुनिया अल्लाह ने बनाई तो सबको मुसलमान क्यों नहीं बनाया और दुनिया ईश्वर ने बनाई तो सबको हिंदू क्यों नहीं बनाया ?

90. इंटरनेट, किताबें और सूचना के युग में भी यदि आप अतार्किक और अंधभक्त बने हैं तो, 
आप इसी लायक हैं।

91. अंधभक्ति ऐसा अद्भुत दिमागी स्थिति है जो बेवक़ूफ़ इंसान को भी बुद्धिमान होने के भ्रम दिखाती है।

92. "ये कैसी आस्था है जहा जिंदा इंसान निर्जीव पत्थर की मूर्ति को ताकतवर मानता है।"

धीरेन आद्रजा

93. चाहे तुम्हारे पास दुनिया भर की डिग्रियां ही क्यों न हो पर अगर अंधविश्वास और पाखंडवाद से मुक्त ना हो सके तो अनपढ़ लोगों से भी मूर्ख हो तुम।




94. अगर जानवर मूर्ति या चित्र बनाना जानते, तो उनके भी भगवान होते, 
सभी जानवरों के अलग_अलग
जैसे इंसानों के हैं!


95. दुनिया में लगभग 12 प्रमुख धर्म हैं। अगर आपको 11 पर बने जोक्स पर ही हंसी आती है और  1 पर नहीं तो समस्या आपमें हैं। जोक्स में नहीं।

— अर्पित द्विवेदी
96. धर्म का इतना भी नशा नहीं होना चाहिए, कि लोग शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार जैसे अपने जरुरी मुद्दों से भटक जाएं।

अज्ञात

97. नास्तिकता या धर्म को न मानना मानवता के लिए कभी कोई ख़तरा नहीं रहा और न आज है।

जौन एलिया

98. मंदिर चुप है मस्जिद चुप है,
नफरत बोल रही है,

और सियासत, ज़हर कहां तक
पहुंचा, तौल रही है!

~ वसीम बरेलवी

99. जब आप एक औरत को शिक्षित करते हैं, आप एक पूरी पीढ़ी को शिक्षित करते हैं।

ब्रिघेम यंग

100. कहते हैं "शिक्षा" ज्ञान के द्वार खोल देती है।
हमने तो पढ़े-लिखों को भी "अंधविश्वास" में डूबते देखा है....!!!



101. वे हमें दफ़ना देना चाहते हैं, पर वे नहीं जानते कि हम बीज हैं।


~ मैक्सिकन लोकोक्ति

102. हिन्दुओ को अच्छी तरह से पता है कि अल्लाह उनका कुछ नही बिगाड़ सकता...सेम मुस्लिमों को पता है भगवान उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता..

और नास्तिकों को भी पता है तुम्हारा अल्लाह भगवान जीसस कोई भी उनका कुछ नही बिगाड़ सकता।



प्रिंस कुमार 


103. धर्म अब वह दलाल है जो सीधे सत्ता के कोठे तक ले जाता है।


- नरेंद्र जैन 


104. कोई भी उतना शक्तिशाली नहीं है, जितना हम उसे बना देते हैं।


एलिस वॉकर


105. अंधेरी व सुनसान जगहों पर शैतान ही क्यों पाए जाते हैं, भगवान क्यों नहीं, क्या तुम्हारे भगवान को अंधेरे से डर लगता है?

— तारसेम सिंह

106. शरीर मिट्टी है, यहीं मिट्टी में मिल जाता है।

और आत्मा अमर है। फिर नरक में किसको तेल में फ्राई किया जाता है ?

अज्ञात

107. जोड़ियां तो ऊपर वाला ही बनाता है, बस दहेज और जाति का मामला नीचे वालों को सेटल करना पड़ता है।




108. सांप्रदायिकता का जहर इतना शक्तिशाली होता है कि अपने धर्म के गुंडे, हिंसक और दुष्कर्मी लोग हीरो दिखाई देने लगते हैं।

गौहर रजा





109. जिन लोगों में अपने अधिकार के प्रति विरोध करने का साहस नहीं होता, उनके लिए अधिकारों के होने या न होने का कोई मतलब नहीं होता..


 ~ अल्फ्रेड टेनिसन


110. कभी-कभी चीजें आपके अनुरूप नही होती हैं, लेकिन प्रयास दिन रात होना चाहिए।


- माइकल जॉर्डन



111. सोते हुए को जगाने वालों की हत्या कर दी जाती है इस बात का गवाह मुर्गा है।।

~ अज्ञात


112. धार्मिक पागलपन का कोई ईलाज नहीं है, 

जब तक कि दिमाग बंद है। 

बंद दिमाग बंद कमरे कि तरह है। 

उसमें लंबे समय तक रहने वाला रोशनी से परहेज करने लगता है और अंधेरे से प्यार।



113. लोग दहेज में बीएमडब्ल्यू दे देते हैं, लेकिन बेटी को ड्राइविंग नहीं सिखाते। वह बीएमडब्ल्यू होने पर भी इंतज़ार करती है कि कब कोई फ़्री हो तो उसे बाहर ले जाए।


— अनुराधा बेनीवाल 

'लोग जो मुझमें रह गए' पुस्तक से 



114. सत्य कहना, क्रांतिकारी होना है।

- अंतोनियो ग्राम्शी



115. बाबाओं का पहाड़ों की कंदराओं में बैठकर तप कर लेना आसान है, किन्तु परिवार में रहकर अपनी जिम्मेदारी और धैर्य बनाये रखना सबके वश की बात नहीं।


116. तुम्हारी मूर्खता को 

आस्था 

का नाम देकर 

ठग लिया गया है तुम्हें,

अब 

तुम्हारी आस्था का केंद्र

वो ईश्वर नही

ये धर्म के ठेकेदार हैं।


- दिव्या शुक्ला


117. बिना सबूत के जो दावा किया जा सकता है, 

उसे बिना सबूत के खारिज किया जा सकता है।


 — क्रिस्टोफर हिचेन्स

118. आपके भाग्ये का फैसला कहीं आसमान या पूजाघरों में नहीं होता बल्कि राजदरबार (संसद या राजनीती) में होता है, राजनीती में हिस्सा लो उसे बदलो और अपने भाग्य विधाता खुद बनो....!!


— तान्या अम्बेडकर 


119. जाति व्यवस्था के मूल में धार्मिक ग्रंथ हैं। जबतक ये ग्रंथ पूजनीय और पवित्र समझे जाते रहेंगे, भारत में जाति व्यवस्था कायम रहेगी। जाति व्यवस्था को खत्म करना है, तो इसमें व्याप्त शोषण और भेदभाव के तत्व को समझो, खारिज करो और इसे पवित्र मानना बंद करो।



120. सांप्रदायिकता संक्रामक रोग है।


~ रामधारी सिंह दिनकर



121. मै पुनर्जीवन में विश्वास नहीं करता, इसलिए मुझे अपना पूरा जीवन नर्क से डरते हुए, या स्वर्ग से भी अधिक डरने में बिताना नही पड़ता। 

नरक की यातनाओं के लिए, मुझे लगता है कि स्वर्ग की ऊब और भी बदतर है। - इसहाक असिमोव।   


122. डर और लालच के अलावा आपके पास तीसरा कोई कारण नहीं है ईश्वर को मानने का।



123. हमें बचपन से यह झूट सिखाया जाता है कि धर्मग्रंथ भगवान ने लिखे हैं, इसलिए हम धर्मग्रंथो के खिलाफ कुछ भी सुनने को तैयार नहीं होते।


— राजेन्द्र चौधरी


124. घटिया लोगों को ख़ुद को कुचलने मत दो।

- मार्गरेट ऐटवुड



125. तांत्रिक कहता है - भूत होते हैं।

पुजारी कहता है - ईश्वर होते हैं।

दोनो का बाजार चल रहा है!

आप पीड़ित नहीं हैं आप ग्राहक हैं!!



126. किताबी ज्ञान से ज्यादा


पिछड़ों को सामाजिक ज्ञान

की जरूरत है, क्योंकि

उनको अपना पहले का

इतिहास ही नहीं पता है।

इसलिए तो धर्म के नाम पर

बहक जाते हैं!!


अनुज यादव


127. धर्म उन लोगों के लिए है जो नर्क से डरते हैं, यह नहीं जानते कि डर नर्क है। आध्यात्मिकता उन लोगों के लिए है जो पहले से ही नर्क में जा चुके हैं और अब इससे डरते नहीं हैं। 


शिवांश पाराशर 'राही'




128. औरत के औरतपन की भी एक राजनीति है जो तमाम संवैधानिक बराबरी देने का दावा करने के बावजूद उसे दोयम दर्जे का नागरिक बना देती है..."


सुमन केशरी











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