तर्कशील विचारों का संग्रह
100. कहते हैं "शिक्षा" ज्ञान के द्वार खोल देती है।
हमने तो पढ़े-लिखों को भी "अंधविश्वास" में डूबते देखा है....!!!
101. वे हमें दफ़ना देना चाहते हैं, पर वे नहीं जानते कि हम बीज हैं।
~ मैक्सिकन लोकोक्ति
102. हिन्दुओ को अच्छी तरह से पता है कि अल्लाह उनका कुछ नही बिगाड़ सकता...सेम मुस्लिमों को पता है भगवान उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता..
और नास्तिकों को भी पता है तुम्हारा अल्लाह भगवान जीसस कोई भी उनका कुछ नही बिगाड़ सकता।
प्रिंस कुमार
- नरेंद्र जैन
104. कोई भी उतना शक्तिशाली नहीं है, जितना हम उसे बना देते हैं।
एलिस वॉकर
105. अंधेरी व सुनसान जगहों पर शैतान ही क्यों पाए जाते हैं, भगवान क्यों नहीं, क्या तुम्हारे भगवान को अंधेरे से डर लगता है?
— तारसेम सिंह
106. शरीर मिट्टी है, यहीं मिट्टी में मिल जाता है।
और आत्मा अमर है। फिर नरक में किसको तेल में फ्राई किया जाता है ?
अज्ञात
107. जोड़ियां तो ऊपर वाला ही बनाता है, बस दहेज और जाति का मामला नीचे वालों को सेटल करना पड़ता है।
108. सांप्रदायिकता का जहर इतना शक्तिशाली होता है कि अपने धर्म के गुंडे, हिंसक और दुष्कर्मी लोग हीरो दिखाई देने लगते हैं।
गौहर रजा
109. जिन लोगों में अपने अधिकार के प्रति विरोध करने का साहस नहीं होता, उनके लिए अधिकारों के होने या न होने का कोई मतलब नहीं होता..
~ अल्फ्रेड टेनिसन
110. कभी-कभी चीजें आपके अनुरूप नही होती हैं, लेकिन प्रयास दिन रात होना चाहिए।
- माइकल जॉर्डन
111. सोते हुए को जगाने वालों की हत्या कर दी जाती है इस बात का गवाह मुर्गा है।।
~ अज्ञात
112. धार्मिक पागलपन का कोई ईलाज नहीं है,
जब तक कि दिमाग बंद है।
बंद दिमाग बंद कमरे कि तरह है।
उसमें लंबे समय तक रहने वाला रोशनी से परहेज करने लगता है और अंधेरे से प्यार।
113. लोग दहेज में बीएमडब्ल्यू दे देते हैं, लेकिन बेटी को ड्राइविंग नहीं सिखाते। वह बीएमडब्ल्यू होने पर भी इंतज़ार करती है कि कब कोई फ़्री हो तो उसे बाहर ले जाए।
— अनुराधा बेनीवाल
'लोग जो मुझमें रह गए' पुस्तक से
114. सत्य कहना, क्रांतिकारी होना है।
- अंतोनियो ग्राम्शी
115. बाबाओं का पहाड़ों की कंदराओं में बैठकर तप कर लेना आसान है, किन्तु परिवार में रहकर अपनी जिम्मेदारी और धैर्य बनाये रखना सबके वश की बात नहीं।
116. तुम्हारी मूर्खता को
आस्था
का नाम देकर
ठग लिया गया है तुम्हें,
अब
तुम्हारी आस्था का केंद्र
वो ईश्वर नही
ये धर्म के ठेकेदार हैं।
- दिव्या शुक्ला
117. बिना सबूत के जो दावा किया जा सकता है,
उसे बिना सबूत के खारिज किया जा सकता है।
— क्रिस्टोफर हिचेन्स
118. आपके भाग्ये का फैसला कहीं आसमान या पूजाघरों में नहीं होता बल्कि राजदरबार (संसद या राजनीती) में होता है, राजनीती में हिस्सा लो उसे बदलो और अपने भाग्य विधाता खुद बनो....!!
— तान्या अम्बेडकर
119. जाति व्यवस्था के मूल में धार्मिक ग्रंथ हैं। जबतक ये ग्रंथ पूजनीय और पवित्र समझे जाते रहेंगे, भारत में जाति व्यवस्था कायम रहेगी। जाति व्यवस्था को खत्म करना है, तो इसमें व्याप्त शोषण और भेदभाव के तत्व को समझो, खारिज करो और इसे पवित्र मानना बंद करो।
120. सांप्रदायिकता संक्रामक रोग है।
~ रामधारी सिंह दिनकर
121. मै पुनर्जीवन में विश्वास नहीं करता, इसलिए मुझे अपना पूरा जीवन नर्क से डरते हुए, या स्वर्ग से भी अधिक डरने में बिताना नही पड़ता।
नरक की यातनाओं के लिए, मुझे लगता है कि स्वर्ग की ऊब और भी बदतर है। - इसहाक असिमोव।
122. डर और लालच के अलावा आपके पास तीसरा कोई कारण नहीं है ईश्वर को मानने का।
123. हमें बचपन से यह झूट सिखाया जाता है कि धर्मग्रंथ भगवान ने लिखे हैं, इसलिए हम धर्मग्रंथो के खिलाफ कुछ भी सुनने को तैयार नहीं होते।
— राजेन्द्र चौधरी
124. घटिया लोगों को ख़ुद को कुचलने मत दो।
- मार्गरेट ऐटवुड
125. तांत्रिक कहता है - भूत होते हैं।
पुजारी कहता है - ईश्वर होते हैं।
दोनो का बाजार चल रहा है!
आप पीड़ित नहीं हैं आप ग्राहक हैं!!
126. किताबी ज्ञान से ज्यादा
पिछड़ों को सामाजिक ज्ञान
की जरूरत है, क्योंकि
उनको अपना पहले का
इतिहास ही नहीं पता है।
इसलिए तो धर्म के नाम पर
बहक जाते हैं!!
अनुज यादव
शिवांश पाराशर 'राही'
128. औरत के औरतपन की भी एक राजनीति है जो तमाम संवैधानिक बराबरी देने का दावा करने के बावजूद उसे दोयम दर्जे का नागरिक बना देती है..."
सुमन केशरी