किसी भी जगह हो रहा अन्याय हर स्थान पर न्याय के लिए खतरा है।
दमनकर्ता और अत्याचारी कभी अपनी ख़ुशी से स्वतंत्रता नहीं देंगे। अत्याचार व दमन सहन करने वालों को इसकी मांग करनी होगी, तभी यह मिलेगी।
यदि कोई व्यक्ति ऐसा लक्ष्य नहीं खोज पाया जिसके लिए वो मर सकता है। तो वो जीवित रहने के लायक नहीं है।