कार्ल मार्क्स

धर्म मानव मस्तिष्क जो न समझ सके, उससे निपटने की नपुंसकता है।
- कार्ल मार्क्स

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.