फातिमा शेख़

आज ही के दिन देश की पहली मुस्लिम शिक्षिका का जन्म महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था। उस जमाने में स्त्री शिक्षा का कोई महत्व नहीं था, महिलाओं को घरों की चारदीवारी में रखा जाता था और उन्हें पढ़ने की अनुमति नहीं थी। शिक्षा की अलख जगाने की वजह से जब ज्योतिबा फूले और सावित्री बाई फुले को घर से बेघर कर दिया गया था, तब फातिमा शेख़ और उनके भाई उस्मान शेख़ ने ही अपने घर में जगह दी और 1848 में वही दलितों और महिलाओं के लिए स्कूल और स्वदेशी लाइब्रेरी खोली थी। उन्हें भी इस काम के बदले में काफी ज्यादा विरोध सहना पड़ा लेकिन वह पीछे नहीं हटीं।

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