शहीद भगत सिंह के विचारों का संग्रह


शहीद भगत सिंह के विचारों का संग्रह 



1. व्यक्तियों को कुचलकर भी आप उनके विचारों को नहीं मार सकते हैं।

~ भगत सिंह


2. जब तक हिंदू-मुस्लिम, काला-गोरा, सभ्य-असभ्य, छूत-अछूत, धनी-निर्धन आदि शब्दों का प्रयोग होता है तब तक कहाँ की विश्वबंधुता और कहाँ का विश्वप्रेम?

शहीद भगतसिंह

3. कितने शर्म की बात है कि हम कुत्ते को गोद में उठा सकते हैं, उसे रसोई में भी ले जा सकते हैं, लेकिन इंसान के स्पर्श मात्र से धर्म भ्रष्ट हो जाता है।

शहीद भगत सिंह

4. बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, क्रांति की तलवार विचारों की शान पर तेज़ होती है।

 भगत सिंह
5. बच्चे से यह कहना कि ईश्वर ही सर्वशक्तिमान है मनुष्य कुछ भी नहीं है, बच्चे को हमेशा के लिए कमजोर बनाना है।" 
- शहीद भगत सिंह


6. तर्क किए बिना किसी बात को आंख मूंद कर मान लेना भी एक प्रकार की मानसिक गुलामी है।

- भगत सिंह


7. 1926 के अंत तक मुझे इस बात का विश्वास हो गया कि एक सर्वशक्तिमान परम आत्मा की बात, जिसने ब्रह्मांड का सृजन, दिग्दर्शन और संचालन किया, एक कोरी बकवास है। 

- शहीद भगत सिंह

8. इस देश में जो नौजवान ईश्वरवादी हैं, मेरी नजर में वो नामर्द हैं। 

- क्रांतिकारी भगत सिंह


9. धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। ये हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं और हमें उनसे हर हालत में छुटकारा पा लेना चाहिए।

शहीद भगत सिंह


10. जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती, उसे समाप्त हो जाना चाहिए।

भगत सिंह



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