1. स्त्रियों को न देवी मानने की जरूरत है और न पूजने की, बल्कि स्त्री का सम्मान करना और बराबरी का अधिकार देना जरूरी है।
सावित्री बाई फुले
2. स्वाभिमान से जीने के लिए पढ़ाई करो।
सावित्रीबाई फुले
3. “चौका बर्तन से बहुत जरूरी है पढ़ाई
क्या तुम्हें मेरी बात समझ में आई?”
सावित्रीबाई फुले (भारत की प्रथम महिला शिक्षका)
4. स्वाभिमान से जीने के लिए पढ़ाई करो,
पाठशाला ही इंसानों का सच्चा गहना है।
सावित्री बाई फुले
5. ब्राह्मणवाद केवल मानसिकता नही, एक पूरी व्यवस्था है जिससे धर्म के पोषक तत्व देव-देवता, रीति-रिवाज, पूजा-अर्चना आदि गरीब दलित जनता को अपने में काबू में रखकर उनकी तरक्की के सारे रास्ते बंद करते है और उन्हें बदहाली भरे जीवन में धकेलते आए है।
6. अज्ञानता को तुम पकड़ो, धर दबोचो, मजबूती से पकड़कर उसे पिटो और उसे अपने जीवन से भगा दो।
7. देश में स्त्री साक्षरता की भारी कमी है क्योंकि यहां की स्त्रियों को कभी बंधन मुक्त होने ही नही दिया गया।