जाति विनाश का एक ही उपाय | Annihilation of caste

जाति विनाश का एक ही उपाय
Annihilation of caste


काल्पनिक शास्त्रों का हवाला देकर हजारों सालों से देश के मूलनिवासियों तथा बहुसंख्यक वर्ग को सामाजिक और आर्थिक तौर पर शोषित किया जाता रहा है अब भी अक्सर ऐसी ही घटनाएं मीडिया में आती ही रहती हैं।
संविधान का शासन लागू हुए 70 साल से ज्यादा हो गए फिर भी प्राचीन काल की ऊंच नीच की वर्ण व्यवस्था के खत्म होने की रफ्तार उतनी नहीं है जितनी होनी चाहिए थी। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि जो वर्ग शोषित रहा है, जिसे नीच घोषित किया गया और अब तक अत्याचार हो रहा है। वही शूद्र तथा अतिशुद्र उस जाति व्यवस्था से निकल नहीं पाया है या सीधे तौर पे यह भी कह सकते हैं कि  सामाजिक तिरस्कार और खुद नीचा रहने का आदी हो चुका है और निकलना ही नहीं चाहता है।
उसे अपने इतिहास से कोई मतलब नहीं है वह रामायण महाभारत और वेद शास्त्रों को ही अपना इतिहास समझ कर उसी में चिपका खुश हो रहा है। और यही काल्पनिक किताबें उसे वर्ण और जतिव्यवास्था से निकलने नहीं दे रही हैं। जो समाज या वर्ग अपना इतिहास ही नहीं जानता वह अपने भविष्य को अच्छा बनाने को कैसे सोच सकता है।
जिस धर्म ने उसे नीच कह कर अपमानित किया उसी धर्म को बड़ी शान से अपना कहता फिरता है और सीने से चिपकाए हुए है। 
जो शोषित है जब तक वह खुद नहीं चाहेगा तब तक कोई दूसरा उसकी मदद नहीं कर सकता। पश्चिमी देशों से दास प्रथा का उन्मूलन इतनी जल्दी से हुआ क्यों की जिनको दास बनाया गया वो खुद दास प्रथा मिटाना चाहते थे।
भारतीय जतिव्यावस्था पश्चिमी समस्या से थोड़ी जटिल है क्यों कि यहां जतिव्यस्था को धर्म में शामिल किया गया है इसलिए जाटिव्यवस्था को धर्म के नाम पर बढ़ावा मिल रहा है। 
कहने का मतलब साफ है इस समस्या कि जड़ हिन्दू धर्म ही है। यही समझना होगा कि यह उनका धर्म कैसे हो सकता है जिन्हे इस धर्म की वजह से ही इसी हिन्दू धर्म के तथाकथित ऊंची जाति के लोगों द्वारा ही तुच्छ और जानवरों जैसा बर्ताव किया जाता रहा और यही हिन्दू धर्म इस घिनौने काम को धर्म का ही हिस्सा मानता है।
इस समस्या पर संविधान भी  असरकारक तभी होगा जब शोषित वर्ग इसे समस्या समझे और सचेत रहें। अपने इतिहास को गंभीरता से समझें । 
उस धर्म से दूरी बना लो जिसने तुम्हें नीच बनाया। अपनी आने वाली पीढ़ी और बच्चों को भी अपने  सही इतिहास की जानकारी दो। खुद को किसी से नीचा समझना और दिखना बंद करो।
उस धर्म और भगवान से डरना बंद करो वो तुम्हारा इससे बुरा और क्या कर सकता है। यही डर ही तुम्हे उस धर्म से चिपकाए हुए है जो तुम्हे नीच ठहराता है और तुम्हारे सताए जाने पर वो धर्म और भगवान तुम्हारा साथ नहीं देता । तब तुम्हे याद आता उस संविधान का जिसने तुम्हे बराबरी हक दिया है। तो तुम पहले ही क्यों नहीं जाग और समझ जाते हो। जब तक खुद को हिन्दू कहोगे तब तक तुम हिन्दू धर्म के सबसे उपेच्छित वर्ग शूद्र ही रहोगे, यही कड़वा सच है। ये तुम भी भलीभांति जानते हो। जितनी जल्दी यह सच्चाई समझ जाओ उतना ही अच्छा होगा।




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.