1. हमने जैसा संसार पाया उससे बेहतर अवस्था में आने वालों के हाथ में देना है।
राहुल सांस्कृत्यायन
2. स्वर्ग नरक जिस सुमेध पर्वत के शिखर और पाताल में थे, आज के भूगोल ने उस भूगोल को ही झूठा साबित कर दिया है।
राहुल सांकृत्यायन
3. अज्ञान का दूसरा नाम ही ईश्वर है। हम अपने अज्ञान को साफ स्वीकार करने में शरमाते हैं, अतः उसके लिए संभ्रांत नाम 'ईश्वर' ढूंढ निकाला गया है। ईश्वर-विश्वास का दूसरा कारण मनुष्य की असमर्थता और बेबसी है।लोगों को इस बात का जोर से प्रचार करना चाहिए कि धर्म और ईश्वर गरीबों के सबसे बड़े दुश्मन हैं।
राहुल सांकृत्यायन
4. आप यह तर्क नहीं बघाड़ सकते - यदि ईश्वर नहीं तो संसार को बनाता कौन है ? क्या हर एक चीज के लिए बनाने वाला बहुत जरूरी है ? यदि है, तो ईश्वर को बनाने वाला कौन है ? यदि वह स्वयं ही जन्मा है, तो वही बात प्रकृति के बारे में क्यों नहीं मान लेते ?
5. सभी धर्म दया का दावा करते हैं, लेकिन हिंदुस्तान के इन धार्मिक झगड़ों को देखिए, तो आपको मालुम होगा कि यहाँ मनुष्यता पनाह माँग रही है।
राहुल सांकृत्यायन
6. हिन्दुस्तानियों की एकता मज़हब के मेल पर नहीं होगी बल्कि मज़हबों की चिता पर!
राहुल सांकृत्यायन